1.सच्ची खुशी का रहस्य-Moral Stories for kids
एक गाँव में एक धनवान व्यापारी रहता था। उसके पास ढेर सारा धन, बड़ी हवेली, नौकर-चाकर और हर सुख-सुविधा थी। लेकिन फिर भी वह खुश नहीं रहता था। हमेशा चिंता में डूबा रहता और सोचता, "मेरे पास सब कुछ है, फिर भी मुझे शांति और खुशी क्यों नहीं मिलती?"
एक दिन उसने सुना कि गाँव के बाहर एक संत रहते हैं, जो लोगों को सच्ची खुशी का मार्ग दिखाते हैं। व्यापारी ने संत के पास जाकर पूछा, "गुरुदेव, मेरे पास धन, सम्मान और हर सुख-साधन है, फिर भी मैं खुश क्यों नहीं हूँ?"
संत की सीख
संत ने मुस्कुराकर कहा, "बेटा, कल सुबह तुम मेरे पास आओ, तब तुम्हें इसका उत्तर मिलेगा।"
अगली सुबह संत ने व्यापारी को एक घड़ा दिया और कहा, "इसमें पानी भरो, लेकिन शर्त यह है कि पानी बाहर नहीं गिरना चाहिए। अगर एक भी बूँद गिरी, तो तुम्हें एक दिन और मेरे पास रहना होगा।"
व्यापारी ने बड़े ध्यान से पानी भरना शुरू किया। वह इतनी सावधानी से चल रहा था कि उसकी पूरी एकाग्रता घड़े पर थी। शाम तक जब वह संत के पास पहुँचा तो संत ने पूछा, "बेटा, पूरे दिन तुमने क्या महसूस किया?"
व्यापारी बोला, "गुरुदेव, मेरा पूरा ध्यान सिर्फ पानी पर था। मैं किसी और चीज़ के बारे में सोच ही नहीं पाया।"
संत मुस्कुराए और बोले, "यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है। खुशी तब मिलती है जब हम अपने जीवन में मौजूद अच्छी चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बजाय इसके कि हमारे पास क्या नहीं है। अगर तुम अपने आशीर्वाद गिनोगे और वर्तमान में जीना सीखोगे, तो तुम्हें सच्ची खुशी मिल जाएगी।"
कहानी से सीख:
- खुशी बाहरी चीजों में नहीं, बल्कि हमारे नजरिए में होती है।
- जो हमारे पास है, उसकी कदर करना सीखें।
- वर्तमान में जियें और चिंता छोड़ें।
- ध्यान और एकाग्रता से जीवन में संतोष पाना संभव है।
2.सच्चे राजा का कर्तव्य-Short Moral Stories
प्राचीन समय की बात है। विजयगढ़ राज्य में विक्रम नाम का एक राजा शासन करता था। वह बहुत न्यायप्रिय और प्रजा का हित चाहने वाला शासक था।
एक दिन एक गरीब किसान दरबार में आया और बोला, "महाराज, मेरी जमीन पर अमीर सेठ ने कब्जा कर लिया है। मैं न्याय चाहता हूँ!"
राजा ने सेठ को बुलवाया। सेठ ने कहा, "महाराज, मैंने यह जमीन खरीदी है। मेरे पास इसके दस्तावेज़ हैं।"
राजा ने दोनों पक्षों की बात सुनी और गुप्त रूप से गाँव जाकर जाँच की। उसने पाया कि किसान सही कह रहा था। सेठ ने धोखे से जमीन हड़प ली थी।
राजा ने तुरंत आदेश दिया, "अन्याय को मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता! किसान को उसकी जमीन वापस दी जाए और सेठ को दंड दिया जाए।"
राज्य की जनता राजा की न्यायप्रियता देखकर बहुत खुश हुई। राजा विक्रम ने यह साबित कर दिया कि एक सच्चे राजा का कर्तव्य सिर्फ शासन करना नहीं, बल्कि न्याय और सत्य की रक्षा करना होता है।
सीख:
- एक सच्चे राजा का कर्तव्य न्याय करना होता है।
- धोखे और लालच से मिली चीज़ें ज्यादा समय तक नहीं टिकतीं।
- सच्चाई की हमेशा जीत होती है।
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